सहजन की फली की सब्जी बनाने के लिए निम्नलिखित रेसिपी का पालन कर सकते हैं:
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| सहजन की फली की सब्जी कैसे बनाएं |
- सामग्री:
प्याज - 1 मध्यम आकार का (कद्दूकस किया हुआ)
टमाटर - 2 मध्यम आकार के (पीसा हुआ)
हरी मिर्च - 1-2 (कद्दूकस किया हुआ, आपके पसंद के अनुसार)
अदरक-लहसुन की पेस्ट - 1 छोटी चम्मच
हल्दी पाउडर - ½ छोटी चम्मच tf gogo got of you 6Your 9 vd lbp
लाल मिर्च पाउडर - ½ छोटी चम्मच (आपके पसंद के अनुसार)
धनिया पाउडर - 1 छोटी चम्मच
गरम मसाला पाउ5 liy nfडर - ½ छोटी चम्मच
तेल - 2-3 छोटे चम्मच
नमक - स्वाद के अनुसार
निर्देश:
निर्देश:
एक कढ़ाई में तेल गरम करें।
गरम तेल में प्याज को सुनहरा होने तक भूने।
अब उसमें अदरक-लहसुन की पेस्ट डालकर भूनें, जब तक उसकी खुशबू आने लगे।
अब उसमें कटी हुई सहजन की फलियां डालें और उन्हें हल्का-सा भूनें।
अब उसमें पीसे हुए टमाटर डालें और सभी मसालों को मिलाएं - हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, और गरम मसाला पाउडर।
सब्जी को मसालों के साथ अच्छे से मिलाएं और मध्यम आंच पर 5-7 मिनट तक पकाएं, सामयिक बार-बार मिलाते रहें।
जब सब्जी अच्छे से पकी हो जाए, तो उसमें नमक डालें और अच्छे से मिला दें।
सब्जी तैयार है! इसे गरमा गरम चावल या रोटी के साथ परोसें।यह रेसिपी सहजन की फली से स्वादिष्ट सब्जी बनाने में मददगार सिद्ध हो सकती है। आप इसमें अपने स्वाद के अनुसार बदलाव कर सकते हैं और आसानी से घर पर बना सकते हैं।
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| सहजन की फली की सब्जी कैसे बनाएं |
सहजन की फली की सब्जी का सेवन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। यहाँ कुछ मुख्य फायदे दिए जा रहे हैं:
पौष्टिकता और विटामिन्स: सहजन की फली विटामिन्स और मिनरल्स का अच्छा स्रोत होती है। यह विटामिन C, विटामिन A, विटामिन B-6, फोलेट, पोटैशियम, मैग्नीशियम, और कैल्शियम सहित कई पौष्टिक तत्व प्रदान करती है।डाइजेशन को सहायक: सहजन की फली में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जिससे पाचन तंत्र को सहायक मिलता है और कब्ज से राहत मिलती है।
वजन प्रबंधन: सहजन की फली कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर से भरपूर होती है, जिससे यह वजन प्रबंधन में मदद कर सकती है।
डायबिटीज के प्रबंधन: इसमें मौजूद फाइबर के कारण सहजन की फली की सब्जी खाने से खून में शुगर का स्तर नियंत्रित रह सकता है।
हृदय स्वास्थ्य: सहजन की फली में पोटैशियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होने से यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
आंखों के लिए फायदेमंद: सहजन की फली में विटामिन A की अच्छी मात्रा होती है, जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
बालों की सेहत: सहजन की फली में पोटैशियम, विटामिन A और विटामिन C की मौजूदगी बालों की सेहत को बेहतर बना सकती है और बालों की समस्याओं से राहत दिला सकती है।
मधुमेह के प्रबंधन: सहजन की फली का सेवन इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे मधुमेह के प्रबंधन में सहायक हो सकता है।
ध्यान दें कि ये सभी फायदे सहजन की फली की सब्जी के नियमित सेवन पर होते हैं। सब्जी तैयार करते समय सही तरीके से पकाने से उसकी पौष्टिकता बनी रहती है।
सहजन की तासीर कैसी होती है
सहजन की तासीर गरम होती है, यानी यह वात पित्त को बढ़ावा देती है। यह खाने के बाद शरीर को गरमी महसूस हो सकती है और पित्त संतर्गत समस्याओं को बढ़ावा दे सकती है, जैसे कि एसिडिटी, गैस, जलन, इत्यादि।
यदि आपको पित्त संतर्गत समस्याएं हो और आपके शरीर में गरमी की समस्या हो, तो सहजन की तासीर के कारण आपको इसका सेवन सीमित करना चाहिए। आप अपने आहार में इसे बार-बार नहीं खाने की कोशिश कर सकते हैं और उसे अन्य सुब्जियों और पौष्टिक आहारों के साथ मिश्रित करके खा सकते हैं।
यदि आपको किसी विशेष चिकित्सा या आहार सलाहकर्ता की सलाह की आवश्यकता है, तो आप उनसे संपर्क करके अपने स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सहजन की सब्जी खाने के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

सहजन की तासीर गरम होती है, यानी यह वात पित्त को बढ़ावा देती है। यह खाने के बाद शरीर को गरमी महसूस हो सकती है और पित्त संतर्गत समस्याओं को बढ़ावा दे सकती है, जैसे कि एसिडिटी, गैस, जलन, इत्यादि।
यदि आपको पित्त संतर्गत समस्याएं हो और आपके शरीर में गरमी की समस्या हो, तो सहजन की तासीर के कारण आपको इसका सेवन सीमित करना चाहिए। आप अपने आहार में इसे बार-बार नहीं खाने की कोशिश कर सकते हैं और उसे अन्य सुब्जियों और पौष्टिक आहारों के साथ मिश्रित करके खा सकते हैं।
यदि आपको किसी विशेष चिकित्सा या आहार सलाहकर्ता की सलाह की आवश्यकता है, तो आप उनसे संपर्क करके अपने स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सहजन की सब्जी खाने के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मोरिंगा को विभिन्न नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि-
ड्रमस्टिक ट्री: मोरिंगा को ड्रमस्टिक ट्री के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसकी ड्रम-जैसी डीप रूट्स होती हैं।
होर्स रेडिश ट्री: यह एक और उपनाम है जिसका उपयोग मोरिंगा के पत्तियों के रंग और आकार की संकेतना के लिए किया जाता है।
और क्षेत्रों में उपयोग होते हैं, लेकिन भारत में सबसे आम नाम "सहजन" है।ाााााााााााााााा४ब६बबहल्दबूीमलववव ब



nice sir thanks
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